हर किसी की ज़िंदगी में कुछ लम्हे ऐसे आते हैं जब हम खुद से, अपने रिश्तों से, और अपने फैसलों से सवाल करते हैं — क्या वाक़ई जाना ज़रूरी है?
इस कविता संग्रह में ऐश्वर्या शर्मा ने उन संवेदनाओं को शब्द दिए हैं जो अक्सर अनकही रह जाती हैं। प्यार, जुदाई, आत्ममंथन और स्त्रीमन की सूक्ष्म परतों को बेहद सादगी और गहराई से पिरोया गया है।
यह किताब सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि हर उस दिल की आवाज़ है जो कभी टूटा है, कभी बिछड़ा है और फिर भी खुद को समेट कर आगे बढ़ा है।
पढ़िए 'जाना ज़रूरी है क्या' — एक भावनात्मक यात्रा, जो हर पाठक को उसके अपने भीतर के किसी कोने से जोड़ देगी।