
दुःख के पंख ( Dukh Ke Pankh) - Hindi Poetry Collection by अभिषेक शुक्ल ( Abhishek Shukla ) - पंक्ति प्रकाशन (Pankti Prakashan)
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Description
कभी-कभी इतने विचार मन में उमड़ते हैं कि शब्द गूंगे हो जाते हैं। यह किताब उन्हीं अनकहे शब्दों, अनसुनी पीड़ाओं और अधूरे एहसासों की उपज है। "दुःख के पंख" एक आत्मस्वीकृति है—एक ऐसा काव्य-संग्रह जो लेखक के भीतर की उन परतों को उघाड़ता है जिन्हें वह कह नहीं पाया, सिर्फ जीता रहा। यह किताब डर, साहस और उम्मीद के उस त्रिकोण में जन्मी है जहाँ शब्द बोलने से पहले थरथराते हैं और लिखने के बाद साँस लेते हैं। कई बार जीवन के सबसे भारी पल कविता बन जाते हैं और वही कविता सबसे हल्की राहत बनकर लौटती है। यह संग्रह उसी राहत की तरह है—सच्चा, सधा हुआ, और बेहद निजी। हर एक कविता लेखक के उस समय की साथी है जब जीवन ने उसका साथ छोड़ दिया था। यह सिर्फ कविताओं की किताब नहीं है, यह लेखक की आत्मा की पुनर्रचना है। "दुःख के पंख" उन लोगों के लिए है जो अपने दुःख को अकेले सहते हैं, जो यह मानते हैं कि कोई नहीं समझेगा। यह किताब उन्हें यह एहसास दिलाती है कि अकेलापन सबसे बड़ा दुःख है, और एक सच्ची कविता उस अकेलेपन में किसी अपने जैसी लग सकती है। यह संग्रह उन सबके लिए है जो लिख नहीं पाते, कह नहीं पाते, पर महसूस बहुत कुछ करते हैं। यह लेखक की पाँचवीं किताब और चौथा कविता-संग्रह है—जिसे आपसे मिले प्रेम और विश्वास की स्याही से लिखा गया है। क्योंकि कुछ कविताएँ सिर्फ पंक्तियाँ नहीं होतीं—वे पंख होती हैं, जो दुःखों को उड़ना सिखाती हैं।