
कुढ़न (Kudhan) Poetry Book by - देवेन्द्र दाँगी (Devendra Dangi) - पंक्ति प्रकाशन (Pankti Prakashan)
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*कुढ़न: कविताओं का पहला संग्रह** लेखक और कवि देवेन्द्र दाँगी का पहला कविता संग्रह "कुढ़न" जीवन के अनगिनत रंगों को समेटे हुए है। यह संग्रह, जो पहले अमेज़न किंडल पर प्रस्तुत हुआ और अब पन्नों पर आपके सामने है, कवि की व्यक्तिगत यात्रा और अनुभवों का दर्पण है। देवेन्द्र दाँगी ने इन कविताओं के माध्यम से अपने जीवन के कठिन पल, एकांत और भावनाओं को एक सरल और सारगर्भित शैली में प्रस्तुत किया है। कवि की कविताएँ उनके दादा की किताबों के प्रति प्रेम और जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण से प्रेरित हैं। उनके दादा ने हाल ही में किताबें पढ़ना शुरू किया और इनसे मिली ऊर्जा से जीवन की गहराइयों को समझा। दाँगी की कविताएँ इस भावना को समेटे हुए हैं कि कैसे किताबें और शब्द जीवन के साथी बन सकते हैं। "कुढ़न" एक ऐसा संग्रह है जो पाठकों को आत्ममंथन और संवेदनाओं की गहराई में ले जाता है। यह किताब न केवल कविता प्रेमियों के लिए है, बल्कि उन सभी के लिए है जो जीवन की गहराईयों को समझने और अपने अनुभवों को साझा करने का तरीका खोज रहे हैं।