जौन एलिया — एक ऐसा नाम, जो उर्दू शायरी की दुनिया में रहस्य, विद्रोह और विरह की आवाज़ बनकर उभरा। उनका लेखन सिर्फ अल्फ़ाज़ का खेल नहीं था, बल्कि आत्मा की बेचैनी का आईना था। "जौन एलिया: एक अजब-ग़ज़ब शायर" किताब न सिर्फ उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लाती है, बल्कि उनके अंदर के उस इंसान से भी मिलवाती है जो अंदर ही अंदर टूटता, बिखरता और फिर शब्दों में ढलकर अमर हो जाता है।
यह किताब उनके जीवन, विचारों, प्रेम, अकेलेपन और शायरी की जड़ों तक पहुँचने की कोशिश है। इसमें उनके कुछ चर्चित शेरों और ग़ज़लों का संदर्भ भी है, जिनके पीछे छुपे दर्द और दर्शन को समझने का प्रयास किया गया है।
अगर आप जौन एलिया से परिचित हैं, तो यह किताब उन्हें एक नई नज़र से देखने का अवसर देगी। और अगर आप उन्हें पहली बार पढ़ रहे हैं, तो शायद आप भी वही कहें — "जौन वाक़ई अजब-ग़ज़ब शायर था!"