उफ़्फ़ कोलकाता हिंदी साहित्य का पहला हॉरर-कॉमेडी उपन्यास माना जाता है, जिसे लोकप्रिय लेखक सत्य व्यास ने लिखा है। यह कहानी कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित एक पुराने हॉस्टल की है, जहाँ का शांत माहौल अचानक तब बदल जाता है जब वहाँ एक शरारती भूत का साया मंडराने लगता है।
कहानी में डर, रोमांच और हास्य का ऐसा मिश्रण है जो पाठकों को लगातार बाँधे रखता है। जैसे-जैसे हॉस्टल के छात्र उस रहस्यमयी आत्मा से निपटने की कोशिश करते हैं, वैसे-वैसे कहानी नए मोड़ लेती है — कभी डराती है, तो कभी ज़ोर से हँसने पर मजबूर कर देती है।
यह उपन्यास न केवल डर की परंपरागत परिभाषा को तोड़ता है, बल्कि उसमें हास्य का तड़का लगाकर इसे एक नया स्वाद देता है।