Joothan-1  by Om Prakash Valimiki
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Joothan-1 by Om Prakash Valimiki

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Description

जूठन ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक सशक्त आत्मकथा है, जो भारत में दलित (पूर्व में 'अछूत' कहे जाने वाले समुदाय) के रूप में बड़े होने के उनके अनुभवों को बेहद ईमानदारी और मार्मिकता से प्रस्तुत करती है।

यह पुस्तक केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि जातिवादी व्यवस्था की जड़ें उधेड़ने वाला दस्तावेज़ है। वाल्मीकि अपने बचपन, शिक्षा, सामाजिक अपमान और संघर्षों के ज़रिए उस भारत की तस्वीर सामने लाते हैं, जो स्वतंत्रता के बाद भी सामाजिक बराबरी का सपना पूरा नहीं कर सका।

जूठन में वर्णित जातीय भेदभाव, ग़रीबी और अपमान सिर्फ़ पीड़ा नहीं दिखाते — वे आत्म-सम्मान और पहचान के लिए जूझते एक इंसान की आवाज़ भी बनते हैं।

यह किताब हर उस व्यक्ति के लिए ज़रूरी है, जो भारतीय समाज की सच्चाइयों को समझना और एक निष्पक्ष दृष्टि से देखना चाहता है।