शेखर: एक जीवनी (भाग 1) Shekhar Ek Jeevani : Part-1 by Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Ajneya'
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शेखर: एक जीवनी (भाग 1) Shekhar Ek Jeevani : Part-1 by Sachchidananda Hirananda Vatsyayan 'Ajneya'

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Description

शेखर: एक जीवनी (भाग 1) अज्ञेय का आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया दो खंडों वाला उपन्यास है, जिसे हिंदी साहित्य में एक मील का पत्थर माना जाता है। यह उपन्यास शेखर नामक एक युवा क्रांतिकारी के जीवन और उसके अंतर्मन की जटिलताओं को गहराई से अन्वेषित करता है।

कहानी मात्र घटनाओं का क्रम नहीं है, बल्कि एक मनुष्य के भीतर चल रहे विचारों, द्वंद्वों, विद्रोहों और आत्म-खोज की यात्रा है। शेखर का बचपन, किशोरावस्था और सामाजिक विद्रोह के प्रति झुकाव — सब कुछ लेखक ने गहन मनोविश्लेषण के माध्यम से अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।

यह उपन्यास प्रेम, अस्वीकार, अस्तित्व और आत्म-संघर्ष के बीच झूलते एक युवा मन की गाथा है, जो समाज की रूढ़ियों को तोड़कर अपने होने के अर्थ को तलाशना चाहता है।