उसने कहा था (Usane kaha tha) - Chandrdhar Sharma Guleri
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उसने कहा था (Usane kaha tha) - Chandrdhar Sharma Guleri

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हिन्दी कहानी की साहित्यिक यात्रा में 'उसने कहा था' पहली आधुनिक कहानी मानी जाती है। यथार्थवाद पर आधारित यह कहानी गुलेरी ने 1920 के दशक में लिखी जिस पर प्रेमचन्द ने सान चढ़ाई। चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' की लोकप्रियता का मुख्य कारण तो उनकी यह कहानी है ही लेकिन उन्होंने कहानियों के अतिरिक्त निबंध, आलोचना-समीक्षा, विमर्श और शोध जैसी उस समय की अविकसित विधाओं में भी लिखा। उनकी लेखन-शैली अनूठी और बहुत प्रभावपूर्ण थी। जहाँ एक ओर उनकी कहानियाँ- 'उसने कहा था', 'सुखमय जीवन' और 'बुद्धू का कांटा' उल्लेखनीय मानी जाती हैं तो दूसरी ओर उनके दो निबंध-'कछुआ धरम' और 'मारेसि मोहिं मुठाँव' बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। गुलेरी की कुछेक कहानियों को छोड़कर बाकी कहानियां बहुत छोटी हैं लेकिन छोटे होते हुए भी प्रभावशाली हैं। हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक डॉ. नामवर सिंह का कहना है- "संस्कृत के पंडित उस जमाने में और भी थे, लेकिन 'उसने कहा था' जैसी कहानी और 'कछुआ धरम' जैसी लेख लिखने का श्रेय गुलेरी जी को ही है। इसलिए वे हिंदी के बंकिमचंद भी हैं और ईश्वरचन्द्र विद्यासागर भी।"