Tooti Hui Bhikhari Hui (टूटी हुई बिखरी हुई)  - मानव कौल (Manav Kaul Book) - हिन्दयुग्म (Hindyugm)
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Tooti Hui Bhikhari Hui (टूटी हुई बिखरी हुई) - मानव कौल (Manav Kaul Book) - हिन्दयुग्म (Hindyugm)

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Description

"मुझे हमेशा से लगता रहा था कि जीवन में व्यस्त रहना सबसे मूर्खता का काम है। इस जीवन को मैं जितनी चालाकी से जी सकता था, जी रहा था। कम-से-कम काम करके ज़्यादा-से-ज़्यादा वक़्त ख़ाली रहना मेरे जीने का उद्देश्य था। मैं कुछ न करते वक़्त सबसे ज़्यादा सम पर रहता था। सुरक्षित जीवन की कल्पना में काम करते-करते एक दिन मैं मर नहीं जाना चाहता था। मैं किसी भी तरह की मक्कारी पर उतर सकता था अगर मुझे पता चले कि मेरे दिन बस काम की व्यस्तता में बीतते चले जा रहे हैं।"


~इसी किताब से