"कफ़न" प्रेमचंद की अंतिम और सबसे चर्चित कहानियों में से एक है। यह कहानी घीसू और माधव नाम के एक बाप-बेटे की कहानी है, जो बेहद गरीब, आलसी और संवेदनहीन हैं। माधव की पत्नी प्रसव पीड़ा में तड़प-तड़प कर मर जाती है, लेकिन दोनों पिता-पुत्र उसे अस्पताल ले जाने या मदद लाने की बजाय चुपचाप आग तापते रहते हैं।
पत्नी की मृत्यु के बाद, वे गाँव वालों से सहायता माँगते हैं ताकि उसके लिए कफ़न (कफ़न खरीदने) का इंतज़ाम कर सकें। लोग दया दिखाते हैं और कुछ पैसे दे देते हैं। लेकिन घीसू और माधव उस पैसे से कफ़न खरीदने की बजाय शराब और खाना खरीदते हैं और मज़े से खाते-पीते हैं।